बड़ागांव थाने के गोपाल पट्टी में जमीन धोखाधड़ी कर विक्रय करा लेने के एक मामलें में प्रभारी सत्र न्यायाधीश (पुष्कर उपाध्याय) की अदालत ने ग्राम भरथीपुर थाना बड़ागांव निवासी आरोपित रामनरेश को एक-एक लाख रुपये की दो जमानते एवं बंधपत्र देनें पर रिहा करने का आदेश दिया। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता कृष्ण कुमार "पाजी पटेल" व नवीन पांडेय ने पक्ष रखा।
अभियोजन पक्ष के अनुसार वादी रामाश्रय ने 156 (3) के तहत न्यायालय में प्रार्थनापत्र दिया था। आरोप था कि शीला देवी, तूफानी पटेल, रामनरेश, लक्ष्मण वर्मा व चार अन्य व्यक्तियों के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसके माता-पिता का बचपन में ही असमय निधन हो गया था। उसका पालन पोषण उसके मामा मामी किए तथा अपनी पैतृक जमीन मौजा गोपालपट्टी परगना अठगावां थाना बड़ागांव का समय-समय पर जाकर रखरखाव व खेती बारी करता है। शीला देवी ने अपने हेली मेली रामनरेश व लक्ष्मण वर्मा से षड्यंत्र के तहत साजिश करके उसके नाम से विक्रय विलेख तैयार करवा कर उसके स्थान पर किसी दूसरे व्यक्ति को खड़ा करके विक्रय विलेख पर दूसरे व्यक्ति की फोटो व हस्ताक्षर व अंगूठा निशान लगवा कर 19 अक्टूबर 2015 को उक्त जमीन का बैनामा शीला देवी के नाम से दो लाख रुपये प्रतिफल में कर दिया। रामनरेश व लक्ष्मण ने यह जानते हुए कि कथित विक्रेता वादी नहीं है, फिर भी बतौर गवाह विक्रय विलेख पर हस्ताक्षर बनाएं। उक्त आधार पर शीला देवी ने अपना नाम दाखिल खारिज करवा दिया। 17 अप्रैल 2018 को वह अपने रिश्तेदार का जमानत कराने के लिए खतौनी तहसील से निकाला तब उसे इस फर्जीवाड़े की जानकारी हुई। वादी ने उक्त बैनामा को निरस्त कराने के लिए एक सिविल वाद दाखिल किया है जो विचाराधीन है। 10 नवंबर 2019 को शीला देवी रामनरेश व लक्ष्मण तथा चार अन्य व्यक्ति लाठी-डंडों से लैस होकर उसके आराजी पर ट्रैक्टर से जुताई करने लगे, जब उसने मना किया तो मां बहन की गालियां देते हुए लात मुक्के से मारने लगे तथा पिस्टल सटाकर हत्या की धमकी दिए। गांव के अन्य लोगों के आज जाने की वजह से उसकी जान बच सकी। विपक्षियों ने जाते समय धमकी दिए कि अगली बार और ताकत के साथ आएंगे और जमीन पर कब्जा करेंगे।