उत्तर प्रदेश शासन और होटल संचालकों की ओर से भूजल उपयोग के नए दिशानिर्देश पर प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न।
सरकार ने भू-जल के उपयोग के लिए संबंधित विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेने के लिए सूचना जारी की है। यदि आपके यहां भू-जल उपयोग के लिए ‘बोरिंग’ हो चुकी है तो भी आपका संबंधित विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना आवश्यक है। सभी होटेल चाहे उनका क्षेत्रफल और इमारत छोटा या बड़ा कुछ भी हो, इसके दायरे में आएंगे। इसको ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश शासन और वाराणसी होटलियर्स एसोसिएशन की ओर से बुधवार को कंटोमेन्ट स्थित होटल अमाया में प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें वाराणसी होटल एसोसिएशन, वाराणसी टूरिज्म गिल्ड व टूरिस्ट वेलफर एसोसिएशन की भी भागीदारी रही।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में एसडीएम ज्ञान प्रकाश ने कहा कि हमलोग पानी का उपयोग तो कर रहे हैं लेकिन उसका संग्रह नहीं कर रहे हैं। हमें भू जल को बढ़ाना होगा। इसके लिए वर्षा के पानी को हार्वेस्टिंग के द्वारा भू जल बढ़ाना होगा। उन्होंने बताया कि भू जल के नए नियम से सम्बंधित शंका समाधान के लिए एक समिति बनी है जहां समस्या का निराकरण किया जा सकता है।
लखनऊ के केंद्रीय भू-जल विभाग के भू-गर्भ जल शास्त्री विपिन कुमार मिश्र ने प्रोजेक्टर के माध्यम से जल स्रोतों और उसकी स्थिति के बारे में विस्तार से समझाया। उन्होंने जल की गुणवत्ता पर भी प्रकाश डाला।
राज्य भू-जल विभाग के कनिष्ठ अभियंता हौसला प्रसाद बिंद ने प्रोजेक्टर के माध्यम से नए नियम और दिशा-निर्देश से सम्बंधित कागज़ी प्रक्रिया पूरी करने के लिए जरूरी कार्यों को समझाया। उन्होंने अनापत्ति प्रमाण पत्र की कागजी प्रक्रिया ऑनलाइन पूरी करने की विधि भी बताई।
उत्तर प्रदेश प्रदूषण मण्डल के क्षेत्रीय अधिकारी कालिका सिंह ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में भू-जल से सम्बंधित विशेष जानकारी दी। उन्होंने कहा कि घर को होटल बनाने के लिए भी मानक तैयार करना होगा।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में होटल संचालकों ने अपनी शंकाओं का समाधान भी किया और सुझाव भी दिया। कार्यक्रम में आगन्तुकों का स्वागत एसोसिएशन के अध्यक्ष एहसान रऊफ खान (मुन्ना), संचालन सीए विजय प्रकाश तथा धन्यवाद प्रकाश तुषार मौर्या ने किया। इस अवसर पर संदीप पटियाल, तुषार मौर्या, राहुल मेहता, गोकुल शर्मा, सुभाष कपूर, पंकज आदि उपस्थित थे।