बदलते हुए मौसम में बच्चों के अन्दर पानी की कमी वजह से अनेक बीमारियां हो रही हैं। इसी विषय पर क्लाउन टाइम्स के रिपोर्टर दिनेश मिश्र ने वाराणसी के रविन्द्रपुरी स्थित मिनहाज चाइल्ड केयर के वरिष्ठ नवजात शिशु व बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.मिनहाज हुसैन से की खास बातचीत जिसमें उन्होंने बताया कि हमारा शरीर लगभग 70% पानी से बना होता है पानी मानव शरीर के स्वास्थ्य में एक बड़ी भूमिका निभाता है। हमारे शरीर में कामकाज की बात आती है तो पानी के बिना कुछ नहीं होता पानी की कमी होने पर बच्चों को लू तेजी से लगता है। हमारे शरीर में एक जगह से दूसरे जगह पोषक तत्व पानी से ट्रांसफर होता है, तापमान को नियंत्रित करता है, अपशिष्ट पदार्थ को बाहर निकालता है।
गर्मी के मौसम में बार बार पसीना आना, सांस और पेशाब आने पर अपना शरीर दिन भर पानी खो देता है, इसलिए डिहाइड्रेशन से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी का होना बहुत जरूरी होता है, क्योंकि गर्मी के मौसम में लू लगने का खतरा बढ़ जाता है।
क्योंकि बच्चों की त्वचा का अनुपात वयस्क की अपेक्षा ज्यादा होता है, बच्चों को याद नहीं दिलाया जाए तो खेलने के चक्कर में पानी पीना भूल जाते हैं साथ ही कुछ बच्चे पानी पसंद भी नहीं करते और ज्यादा पानी भी नहीं पीते हैं।
पानी की कमी पता करने के लिये कुछ ऐसे लक्षण हैं जैसे पेशाब कम होना, होठ का फटना, मुंह का सूखना, पेशाब गहरा पीला होना, पेशाब में जलन होना, कब्ज़ होना इत्यादि।
आपके बच्चे की जल की मात्रा उनकी उम्र और गतिविधियों पर निर्भर करता है। 8 साल से कम उम्र के बच्चों को 4- 6 गिलास पानी तथा 8 साल से ऊपर के बच्चों को 6-8 गिलास पानी मिनिमम देनी चाहिए। पानी हमारे इम्यून सिस्टम को operate करने के लिये आवश्यक है।
पानी की कमी से बच्चों को गर्मी में लू भी बहुत तेजी से लगता है, जिसके लक्षण हैं-
Fever आना, प्यास बार बार लगना, कमजोरी लगना, भूख न लगना, सर दर्द होना है।
बच्चों को लू से बचाने के लिये तरल पदार्थ का सेवन बढ़ाएं, स्कूल के लिए पानी की बोतल पैक हो, गर्मी में बाहर जाए तो फ्रोजन बॉटल लेकर जाएं, बच्चों को खेल के समय पानी पीने के लिए प्रोत्साहित करें, लाइट कलर और लूज कपड़े पहनें।
जो बच्चे पानी नहीं पीते हैं उनके लिये कुछ घरेलू टिप्स-
पानी में नींबू या संतरे का टुकड़ा डाल कर दें, अपने बच्चे को अपनी पीने की बॉटल चुनने दे और कलरफुल ग्लास में दें, बच्चे के साथ पानी पीने का एक बिंदु बनाएं। दूध, जूस, चीनी पानी देते रहें।