तहसीलदार न्यायिक सतीश कुमार वर्मा की अदालत ने खादी ग्रामोद्योग आयोग के खिलाफ़ कङी कार्रवाई करते हुये न्यायालय को गुमराह कर धोखे से प्राप्त आदेश निरस्त कर दिया है। बनारस बार के पूर्व महामंत्री व अधिवक्ता नित्यानंद राय ने 13 अप्रैल को न्यायालय में रेस्टोरेशन (पुनर्रस्थापना) प्रार्थना पत्र दिया था। न्यायालय को बताया कि खादी ग्रामोद्योग आयोग के अधिकारियों ने आराजी नम्बर 15, 16 मौजा जैतपुरा परगना देहात अमानत के सन्दर्भ में 5 अप्रैल को नामांतरण आदेश जो प्राप्त किया है वह गलत है, आयोग के अधिकारी कपट के दोषी है। आयोग ने एक नामांतरण वाद विवादित बैनामे के आधार पर तहसीलदार सदर के न्यायालय में वाद संख्या 784 सन् 2006 दाखिल किया था, तहसीलदार सदर ने 27 जुन 2013 को इस वाद में नामांतरण आदेश पारित करने से इंकार कर दिया। यह वाद न्यायालय में आज भी विचाराधीन है। आयोग ने इस मुकदमे को छुपाते हुते नायब तहसीलदार शहर के न्यायालय में दुसरा मुकदमा दाखिल कर दिया और तहसीलदार न्यायिक द्वितीय की अदालत से 5 अप्रैल को आदेश प्राप्त कर लिया।
न्यायालय ने माना कि आयोग ने धोखे से न्यायालय को गुमराह कर नामांतरण आदेश प्राप्त किया है।पुर्नस्थापना दाखिल करने वाले नित्यानंद राय के कथन में बल है।
श्री राय के प्रार्थनापत्र को स्वीकार करते हुए न्यायालय ने आदेश दिनांक 5 अप्रैल 22 अपास्त कर, द्वितिय नामांतरण प्रसुचना यानि नाटिफिकेशन भी निरस्त कर दिया।