आज आज इस भागदौड़ की जिंदगी में इंसान जाने अनजाने अनेक शारीरिक एवं मानसिक बीमारियों से ग्रस्त होता चला जा रहा है आज हम बात करेंगे ब्रेन स्ट्रोक या लकवा की और इसके लिए क्लाउन टाइम्स के रिपोर्टर दिनेश मिश्र ने वाराणसी के महेश नगर सामने घाट के शारदा हॉस्पिटल एंड न्यूरो ट्रामा सेंटर के निदेशक डॉ वीरेंद्र केसरी से की खास बातचीत।
डॉ वीरेन्द्र केशरी ने बताया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस, बीएचयू से पढ़ाई व सेवा के बाद वे पिछले कई वर्षों से शारदा हॉस्पिटल एवं न्यूरो ट्रामा सेंटर, महेश नगर, सामने घाट में मरीजों को अपनी सेवाएं दे रहे हैं। शारदा हॉस्पिटल एवं न्यूरो ट्रामा सेंटर एक सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल है जहां पर इमरजेंसी, रोड एक्सीडेन्ट, ट्रॉमा, पॉलीट्रोमा के केसेस के लिए प्राथमिक चिकित्सा, ट्रॉमा आईसीयू, वेंटीलेटर आईसीयू, हाइली डिपेंडेंट यूनिट है, जहां 24 घंटे इलाज एवं ऑपरेशन की सुविधा की व्यवस्था है। शारदा हॉस्पिटल में हाईली क्वालिफाइड डॉक्टर एवं नर्सेज हैं जो कि सीरियस कंडीशन में अपना भरपूर योगदान देती हैं। हृदय एवं पेट से संबंधित एवं अन्य विभागों के विशेषज्ञ कंसल्टेंट डॉक्टर हमेशा उपस्थित रहते हैं।
डॉ वीरेंद्र केशरी ने आगे बताया कि ब्रेन स्ट्रोक दो तरीकों से होता है पहला जब ब्रेन हेमरेज हो, जिसमें ब्रेनमें खून की नलिकाओं में स्ट्रेस और ब्लड प्रेशर की अधिकता की वजह से वे फट जाती हैं,जिनकी वजह से संबंधित अंगों में लकवा की शिकायत हो जाती है, जिसे हम पैरालिसिस अटैक भी कहते हैं। जिससे शरीर के एक तरफ के अंगो का काम करना बंद हो जाता है। दूसरी तरह का ब्रेन स्ट्रोक वो है जिसमें खून की नलिकाएं सिकुड़ जाती हैं ।ऐसा ज्यादातर डायबिटीज एवं ब्लड प्रेशर के मरीजों में देखा जाता है या फिर एल्डरली पर्सन जो अपने इलाज में समय से दवा लेने में लापरवाही बरतते हैं एवं रेगुलर डॉक्टर के संपर्क में नहीं रहते हैं । इन मरीजों में खून की नलिकाओं के सिकुड़ने की वजह से अचानक खून का दौरा रुक जाता है और अचानक ही ब्रेन स्ट्रोक का दौरा पड़ता है। और जब मरीज सुबह यह देखता है कि उसका चेहरा तिरछा हो गया है या शरीर का एक तरफ का अंग कार्य करना बंद कर दिया है।
लक्षण
डॉ वीरेंद्र केसरी ने आगे बताया कि ब्रेन स्ट्रोक का दौरा अचानक ही पढ़ना पड़ता है अचानक ही सिर में असहनीय दर्द होता है। क्षणिक समय में ही मरीज बेहोश हो जाता है, उल्टियां होती हैं। ऐसी स्थिति में तुरंत ही न्यूरो विशेषज्ञ डॉक्टर को दिखाना चाहिए ऐसा अधिकतर बीपी और डायबिटीज के मरीजों में होता है। उन्हें लगातार डॉक्टर के संपर्क में रहना चाहिए,अपना शुगर और बीपी समय समय से चेक करवाते रहना चाहिए, ताकि वे ब्रेन स्ट्रोक से बचे रहें।