वाराणसी। धोखाधड़ी कर जमीन का बैनामा करने के मामले में आरोपित को राहत मिल गयी। अपर जिला जज (सोलहवां) शिखा श्रीवास्तव की अदालत ने चतुरपुर (बड़ागांव) निवासी माता भीख को एक-एक लाख रुपये की दो जमानतें एवं बंधपत्र देने पर रिहा करने का आदेश दिया। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अनुज यादव, शैलेन्द्र श्रीवास्तव व विकास सिंह ने पक्ष रखा।
अभियोजन पक्ष के अनुसार चतुरपुर, बड़ागांव निवासी ओमप्रकाश मिश्र ने पुलिस उपायुक्त वरुणा जोन को प्रार्थना पत्र दिया था। आरोप था कि मौजा भरलाई में प्रार्थी की सम्पूर्ण रकबे के 1/4 हिस्से के काश्तकार ओमप्रकाश मिश्र, शिवप्रकाश, जयप्रकाश व छोटेलाल व 1/4 हिस्से के काश्तकार कैलाश, माताभीख, जोगेंद्र व नरेन्द्र थे। जिसका कुल अंश 20389.37 वर्गफीट होता है। जबकि कैलाश, माताभीख, जोगेंद्र व नरेन्द्र ने फ्राड करते हुए विभिन्न आराजी में से 9135 वर्गफीट व 19162 वर्गफीट व 1744 वर्गफीट जमीन विभिन्न तिथियों को बेच दिया। ऐसे के इन लोगो ने धोखाधड़ी करते हुए अपने हिस्से से 9697.17 वर्गफीट जमीन अपने हिस्से से अधिक बेच दी। साथ ही शेष बची जमीन को भी बेचने की फिराक में पड़े है। जिसके बाद पुलिस उपायुक्त के निर्देश पर सभी आरोपितों के खिलाफ बड़ागांव थाने में विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से दलील दी गयी कि आरोपित पर जिस जमीन को धोखे से बेचने का आरोप है उक्त जमीन पर उसका नाम दर्ज है। साथ ही जिस जमीन के सर्वाधिक रकबे को विक्रय करने की बात कही गयी है, उसमे आरोपित के साथ ही वादी पक्ष ने भी सामूहिक रूप से विक्रय किया है। ऐसे में आरोपित पर मनगढंत कहानी बनाकर आरोप लगाया जा रहा है। न्यायालय के समक्ष उपस्थित है। जहां तक फ्राड करने की बात है तो उक्त जमीन का विक्रय बंटवारे के बहुत पहले हुआ है और बंटवारा का वाद वर्ष 2016 में निर्णीत हुआ है। ऐसे में फ्राड करने का कोई औचित्य नहीं है। अदालत ने पत्रावली के अवलोकन के बाद आरोपित को जमानत दे दी।