डॉ. अवधेश सिंह जैसा पिंडरा मे नही बन सकता कोई जनप्रतिनिधि : पुत्र प्रभात सिंह मिंटू
वाराणसी पिंडरा : हर पिता को बेटे को लेकर एक ख्वाब होता है और उनकी यह चाहत रहती है कि उसे पूरा करें उसके लिए अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ते। मगर यहां कहानी कुछ अलग ही है एक बेटा अपने पिता के वर्षों के ख्वाब को 2017 के चुनाव में पूरा किया। इस बार फिर पार्टी से जिम्मेदारी मिलने के बाद दूबारा विधायक व उधूरे विकास को पूरा करने की कोशिश के लिए जी- जान से जुड़ा हुआ है। हम बात कर रहें पिंडरा विधायक व भाजपा प्रत्याशी डॉ अवधेश सिंह के पुत्र प्रभात सिंह मिंटू की। जिन्होंने होस संभालते ही पिता के साथ क्षेत्र में लग थें।
पिंडरा विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर दूसरी बार चुनाव लड़ रहे डॉक्टर अवधेश सिंह के पुत्र प्रभात सिंह 'मिंटू' पिता को विधायक बनाने के सपने को दूसरी बार साकार करने के लिए सुबह से देर रात तक गांव की पकडन्डी नाप रहे हैं। खुद भाजपा से जुड़े युवा नेता प्रभात सिंह मिंटू के प्रभावशाली व्यक्तित्व का असर नजर भी आ रहा है उनसे युवाओं को लगातार जुड़ाव भी होता जा रहा है। वैसे तो पिता के लिए पिछले चुनाव के बाद से ही जुट गए थे लेकिन इधर करीब साल से जहां पिता नहीं पहुंच पा रहे थे वहां खुद पहुंच जा रहे हैं लोगों के बीच पिता की पैठ बनाने की इस जुगत में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी। एक गांव में हर किसी के द्वार तक पहुंच कर उनके सुख दुख में शामिल होने वाले प्रभात सिंह मिंटू का कहना है कि उनका मकसद पिता को एक बार फिर विधायक बनते हुए देखना है और इसके लिए उनसे जो बन पड़ेगा वह करेंगे ।
पुनः विधायक के सिर पर सेहरा बांधने के लिए पुत्र युवाओं की टोली संघ किए जा रहे
पिता के सिर पर जीत का सेहरा बांधने के लिए बेटे के द्वारा अलग युवाओं की टोली संघ किए जा रहे ताबड़तोड़ जनसंपर्क को लेकर हर किसी के बीच इसकी खासी चर्चा भी है। बेटे के इस प्रयास को सार्थक रूप देने के लिए युवाओं के साथ बड़े बुज़ुर्ग सभी का जुड़ा उनसे देखने को मिल रहा है। दलों का बंधन तोड़ कर लोग भाजपा व अपना दल गठबंधन के प्रत्याशी डॉ अवधेश सिंह के साथ जुड़ते नजर आ रहे हैं। गांव के बुज़ुर्गों में कोई ऐसे थे जो बेटे के द्वारा दिन रात किए जा रहे तूफानी जनसंपर्क को देखकर इधर कुछ दिनों से उनके साथ जुड़ाव हो गया है। युवाओं का ऐसा मानना है कि वह क्षेत्र में विकास देखना चाहते हैं और डॉक्टर अवधेश सिंह से बेहतर कोई जनप्रतिनिधि नहीं हो सकता इसलिए पूरा दमखम लगाकर वह डॉक्टर अवधेश सिंह को जिताने की कोशिश कर रहे हैं।