बनारस शहर में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है, लोगों के स्वास्थ्य पर इसका असर जानने के लिए क्लाउन टाइम्स ने नाक, कान एवं गला रोग विशेषज्ञ डॉ. राजीव मिश्रा से अनौपचारिक बातचीत किया जिसमें उन्होंने बताया कि प्रदूषण की वजह से आजकल सर्दी, जुकाम, खांसी और एलर्जी के मरीज बढ़ गए है। इसका मुख्य कारण बदलता मौसम, स्मॉग और जगह-जगह पर सड़क निर्माण कार्य भी है।
डॉ. राजीव ने बताया कि कान में मुख्य रूप से होने वाला रोग है, कान के पर्दे के फटने से कान का बहना। यदि इसका इलाज 3 माह के अंदर कर दिया जाए तो ये ठीक हो जाता है, इस पर ध्यान न दिया जाये तो रोग बढ़ जाता है और विकल्प के रूप में आपरेशन द्वारा ही ठीक होता है।
नाक, कान एवं गला रोग के मुख्य लक्षणों के बारे में ध्यान देना चाहिए कि यदि गले, कान या नाक में दर्द है एवं ये लगातार बना हुआ है और ठीक नहीं हो रहा है, इसके साथ गले में खराश, ज्वर और आवाज में बदलाव जैसे लक्षण सामने आयें तो निश्चित ही किसी योग्य और विशेषज्ञ चिकित्सक से अपनी जाँच करवाकर चिकित्सा करानी चाहिए। कानों में संक्रमण का इलाज न किया जाए तो कभी कभी इसका संक्रमण दिमाग तक पहुंच जाता है, और दिमागी बुखार या मैनिंजाइटिस होने की संभावना बनी रहती है।