2022 का बजट केंद्र सरकार द्वारा कल जनता के सामने पेश किया जा चुका है। बजट जैसा भी हो बातें दो प्रकार की होना तय होती हैं पहली तो ये पक्ष कहता है बजट हर वर्ग के लोगों को देखकर बनाया गया है जिससे देश में विकास ही विकास होगा और दूसरी ये बात की विपक्ष कहता है कि बजट में युवाओं, किसानों, मीडिल क्लास फैमिली का तो ध्यान ही नहीं रखा गया है। केंद्रीय बजट जो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया इसी विषय पर डॉ0 जगदीश सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष अर्थशास्त्र विभाग, हरिशचंद्र पीजी कॉलेज वाराणसी एवं क्षेत्रीय संयुक्त सचिव - भारतीय आर्थिक संघ ने अपना विचार रखा। उन्होंने कहा कि बजट से यह स्पष्ट हो रहा है, कि देश को डिजिटल मोड में ले जाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध हैl वह चाहे अर्थव्यवस्था का कृषि क्षेत्र हो या उद्योग या सेवा क्षेत्र तीनों क्षेत्रों में डिजिटल मोड को बढ़ावा देने का विशेष प्रयास किया गया हैl हम कृषि क्षेत्र की बात करते हैं तो इसमें भी भुगतान को डिजिटल पेमेंट के माध्यम से भुगतान करने की बात की गईl किसानों के प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए भी डिजिटल माध्यम को बढ़ावा दिया गयाl औद्योगिक क्षेत्र में भी सभी प्रकार के भुगतान, प्रशिक्षण कार्यक्रम आदि को डिजिटल मोड से करने का प्रावधान किया गयाl सेवा क्षेत्र की बात करें चाहे एजुकेशन का क्षेत्र है या स्वास्थ्य का क्षेत्र है यहां बैंकिंग का क्षेत्र है या बीमा क्षेत्र है सभी को डिजिटलाइजेशन की ओर ले जाने का प्रयास तेजी से किया जा रहा हैl बैंक में डिजिटल करेंसी लाने का प्रस्ताव किया गया हैl क्रिप्टो करेंसी से आय पर 30% टैक्स लगाने की बात की गई इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि देश की सरकार क्रिप्टो करेंसी को मान्यता दे रही है यह देश के विकास के लिए और देश को दुनिया के देशों में जोड़ने और गतिशील बनाने के लिए बहुत ही आवश्यक हैl विशेष रूप से शिक्षा के क्षेत्र में e-vidya को बढ़ावा देने के लिए 200 चैनल बढ़ाने की बात की गई l सरकार द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए विशेष प्रावधान किए गएl चाहे वह रेलवे हो या सड़क मार्ग हो या एयर मार्ग सभी क्षेत्रों में 3 पी मॉडल से बुनियादी ढांचे को बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया हैl
कृषि विश्वविद्यालयों का विस्तार किया जाएगा, किसानों को डिजिटल सुविधा मुहैया कराई जाएगीl पीएम शक्ति के अंतर्गत सड़कों का जाल बिछाया जाएगाl 400 नई वंदे भारत ट्रेन चलाई जाएगीl गरीबों के लिए 80 लाख घर की व्यवस्था होगीl युवाओं के लिए 60 लाख नौकरी और किसानों के लिए 2.37 लाख करोण एमएसपी पर खरीदारी की व्यवस्था की गई हैl एमएसएमई सेक्टर को रियायत दिया गया हैl स्टार्टअप इंडस्ट्रीज को टैक्स छूट में 1 साल की वृद्धि की गईl कारपोरेट टैक्स की दर 18% से घटाकर 15% किया गया यह तो बजट की अच्छाइयां हैl
यदि हम आलोचनात्मक मूल्यांकन करें तो इन सब अच्छाइयों के बावजूद बजट में मध्यम वर्ग और आम जनता को निराशा भी हुई है l गरीबों और गांव के किसानों के लिए और बेरोजगारी दूर करने के लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं की गई l सभी क्षेत्रों में 3 पी मॉडल से सरकार द्वारा काम किया जाएगा जिससे निजी करण और पूंजीवाद को बढ़ावा मिलेगा l कारपोरेट टैक्स को कम करने से उद्यमियों और पूंजी पतियों को ही लाभ होगाl देश में महंगाई को देखते हुए जो मध्यम वर्ग को और सैलरीड वर्ग को आयकर मैं कुछ राहत की उम्मीद वह लगाए बैठा था उसमें किसी भी प्रकार की कोई राहत वित्त मंत्री जी द्वारा नहीं दिया गयाl जबकि महंगाई को देखते हुए स्टैंडर्ड डिडक्शन की राशि बढ़ाई जानी चाहिए थीl इनकम टैक्स के स्लैब को थोड़ा और बढ़ाया जाना चाहिए थाl आयकर की अधिकतम सीमा 30% से घटाकर 25% की जानी चाहिए थीl क्योंकि जब वित्त मंत्री कारपोरेट टैक्स में राहत दे सकती है तो आयकर के दरों में भी राहत देनी चाहिए थीl
किंतु कुल मिला जुला कर के यदि बजट का आलोचनात्मक मूल्यांकन किया जाए तो बजट अर्थव्यवस्था को डिजिटल मोड में ले जाने वाला बजट साबित होगा जो अर्थव्यवस्था को अच्छे और दूरगामी परिणाम मिलेंगे साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष ध्यान दिया गया है जिससे अच्छे और दूरगामी परिणाम मिलेंगे जिससे देश की अर्थव्यवस्था का विकास संभव होगाl