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एनडीआरएफ ने मकर संक्राति पर्व को सुरक्षित और सफल बनाने की संभाली कमान



 15/Jan/22

सूर्यदेव जब मकर राशि में प्रवेश करते हैं तब मकर संक्रांति कहलाती है। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही सभी तरह के मांगलिक कार्य आदि आरम्भ हो जाते हैं और इस दिन गंगा समेत पावन नदियों में स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व है। सनातन धर्म के सबसे महत्‍वपूर्ण पर्वों में से एक मकर संक्रांति पर्व पर एनडीआरएफ ने पुनः कमान संभाली। वाराणसी स्थित 11 एनडीआरएफ सदैव से ही वाराणसी के साथ साथ उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश में विभिन्न प्रकार की आपदाओं, धार्मिक स्नानों और मेलों में श्रधालुओं की सुरक्षा के लिए तैनात होती है इस पर्व पर लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए वाराणसी में गंगाजी के लगभग सभी मुख्य घाटों पर एनडीआरएफ की दो टीमों को दशाश्वमेध घाट, राजघाट, राजेंद्र प्रसाद घाट, अस्सी घाट और नजदीकी घाटों पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा में तैनात किया गया।

एनडीआरएफ की दो टीमें, वाटर एम्बुलेंस के साथ वाराणसी के प्रमुख घाटों पर तैनात रहीं। इन टीमों में गोताखोर, पैरामेडिक्स, बोटें, डीप डाइविंग सेट, लाइफ जैकेट, लाइफ बॉय व अन्य बचाव उपकरणों के साथ मकर संक्रांति के उपलक्ष्य पर घाटों पर तैनात  रहे। मकर संक्रांति  के पावन पर्व पर जहाँ लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ जमा होती है ऐसे समय में एनडीआरएफ के बचाव कर्मी अधिक गहरे पानी वाली जगहों को चयनित कर श्रद्धालुओं को वहां ना जाने की हिदायत दे रहे थे और घाटों पर मोटर बोट व प्रशिक्षित गोताखोरों की सहायता से नदी में श्रधालुओं पर अपनी पैनी नज़र रख रहे जिससे किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए तैयार हों। पूजा के दौरान एनडीआरएफ के बचावकर्मी समय समय पर श्रद्धालुओं के लिए आवश्यक सुरक्षा निर्देश भी जारी कर रहे थे।

इस अवसर पर मनोज कुमार शर्मा, कमांडेंट ,11 एनडीआरएफ ने बताया कि मकर संक्रांति पर्व के दौरान गत वर्ष की भांति इस बार भी एनडीआरएफ की टीमें वाराणसी के घाटों पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए तैनात की गयी हैं और मैं सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध करता हूँ के वे सावधानी बरतते हुए इस पर्व को मनाएं और एनडीआरएफ पूरी श्रद्धा के साथ उनके इस पर्व को सफल बनाने के लिए व किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए उनकी सुरक्षा में उपस्थित है।

सूर्यदेव जब मकर राशि में प्रवेश करते हैं तब मकर संक्रांति कहलाती है। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही सभी तरह के मांगलिक कार्य आदि आरम्भ हो जाते हैं और इस दिन गंगा समेत पावन नदियों में स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व है। सनातन धर्म के सबसे महत्‍वपूर्ण पर्वों में से एक मकर संक्रांति पर्व पर एनडीआरएफ ने पुनः कमान संभाली। वाराणसी स्थित 11 एनडीआरएफ सदैव से ही वाराणसी के साथ साथ उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश में विभिन्न प्रकार की आपदाओं, धार्मिक स्नानों और मेलों में श्रधालुओं की सुरक्षा के लिए तैनात होती है इस पर्व पर लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए वाराणसी में गंगाजी के लगभग सभी मुख्य घाटों पर एनडीआरएफ की दो टीमों को दशाश्वमेध घाट, राजघाट, राजेंद्र प्रसाद घाट, अस्सी घाट और नजदीकी घाटों पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा में तैनात किया गया।

एनडीआरएफ की दो टीमें, वाटर एम्बुलेंस के साथ वाराणसी के प्रमुख घाटों पर तैनात रहीं। इन टीमों में गोताखोर, पैरामेडिक्स, बोटें, डीप डाइविंग सेट, लाइफ जैकेट, लाइफ बॉय व अन्य बचाव उपकरणों के साथ मकर संक्रांति के उपलक्ष्य पर घाटों पर तैनात  रहे। मकर संक्रांति  के पावन पर्व पर जहाँ लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ जमा होती है ऐसे समय में एनडीआरएफ के बचाव कर्मी अधिक गहरे पानी वाली जगहों को चयनित कर श्रद्धालुओं को वहां ना जाने की हिदायत दे रहे थे और घाटों पर मोटर बोट व प्रशिक्षित गोताखोरों की सहायता से नदी में श्रधालुओं पर अपनी पैनी नज़र रख रहे जिससे किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए तैयार हों। पूजा के दौरान एनडीआरएफ के बचावकर्मी समय समय पर श्रद्धालुओं के लिए आवश्यक सुरक्षा निर्देश भी जारी कर रहे थे।

इस अवसर पर मनोज कुमार शर्मा, कमांडेंट ,11 एनडीआरएफ ने बताया कि मकर संक्रांति पर्व के दौरान गत वर्ष की भांति इस बार भी एनडीआरएफ की टीमें वाराणसी के घाटों पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए तैनात की गयी हैं और मैं सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध करता हूँ के वे सावधानी बरतते हुए इस पर्व को मनाएं और एनडीआरएफ पूरी श्रद्धा के साथ उनके इस पर्व को सफल बनाने के लिए व किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए उनकी सुरक्षा में उपस्थित है।


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