test 1दूरदर्शन (7 व 8 जनवरी 2022) द्वारा आयोजित लखनऊ ''डीडी कॉन्क्लेव'' से अपेक्षा थी कि ताज होटल सभागार से निकल कर श्रोताओं और दर्शकों को राज्य में हो रहे परिवर्तन के बारे में ज्ञान तथा सूचना पर्याप्त मिलेगी। चर्चा व्यापक और प्रवाहमय होगी। यह संभव था। पर सोच के खांचे से बाहर आना पड़ता। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता मांगने पर नहीं मिलती, हासिल करना पड़ता है। इसीलिये निजी चैनल से प्रतिस्पर्धा में सरकारी तंत्र पिछड़ जाता रहा है। ऊपर से एक निजी व्यापारी मीडिया घराने को सह—आयोजक बनाकर दूरदर्शन ने अपनी विश्वसनियता पर दाग लगा लिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्यवक्ता थे। कार्यक्रम का शीर्षक था : ''कितना बदला यूपी?'' मगर संवाद सुनकर लगा कि यह सियासी तौर पर प्रगतिशील प्रदेश अभी भी कच्छप रफ्तार पर ही है। एक
testttttttttttttttttttttttttttttttttttttttttttttttttttttttttttttttttttttttttttttttttttttttttttttttttttttttttttदूरदर्शन (7 व 8 जनवरी 2022) द्वारा आयोजित लखनऊ ''डीडी कॉन्क्लेव'' से अपेक्षा थी कि ताज होटल सभागार से निकल कर श्रोताओं और दर्शकों को राज्य में हो रहे परिवर्तन के बारे में ज्ञान तथा सूचना पर्याप्त मिलेगी। चर्चा व्यापक और प्रवाहमय होगी। यह संभव था। पर सोच के खांचे से बाहर आना पड़ता। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता मांगने पर नहीं मिलती, हासिल करना पड़ता है। इसीलिये निजी चैनल से प्रतिस्पर्धा में सरकारी तंत्र पिछड़ जाता रहा है। ऊपर से एक निजी व्यापारी मीडिया घराने को सह—आयोजक बनाकर दूरदर्शन ने अपनी विश्वसनियता पर दाग लगा लिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्यवक्ता थे। कार्यक्रम का शीर्षक था : ''कितना बदला यूपी?'' मगर संवाद सुनकर लगा कि यह सियासी तौर पर प्रगतिशील प्रदेश अभी भी कच्छप रफ्तार पर ही है। एक