विधानसभा चुनाव 2022 जैसे-जैसे नजदीक आ रहा हैं दलों के सियासी समीकरण भी तेजी से बदलते दिखाई दे रहे हैं। टिकटों की घोषणा से पहले ही गैर भाजपा दलों में नेताओं के पाला बदलने का सिलसिला शुरू हो गया। वाराणसी जिले में इसकी शुरुआत कांग्रेस की पूर्व विधायक राबिया कलाम ने की। वह बेटे जीशान कलाम के साथ पूर्व सीएम अखिलेश यादव के समक्ष समाजवादी पार्टी में शामिल होगी।
तीन बार शहर उत्तरी विधानसभा से विधायक रहे सपा नेता अब्दुल कलाम की पत्नी राबिया कलाम भी इसी सीट से विधानसभा में प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। वर्ष 2012 में उन्होंने कांग्रेस पार्टी के टिकट पर उत्तरी से चुनाव लड़ा था। तब वह चौथे नंबर पर रही थीं।
इस सरकार ने लोकतंत्र नहीं राजतंत्र अपनाया
इस मौके पर पूर्व विधायक राबिया कलाम ने कहा कि 2017 में जनता के बड़े समर्थन और उत्साह से यूपी में भाजपा की सरकार बनी लेकिन इस सरकार ने लोकतंत्र नहीं राजतंत्र अपनाया। लोगों के बोलने पर पाबंदी लगाई। काम किसी और का है पर पत्थर अपना लगवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग समाज में तोड़फोड़ कर रहे हैं। धरातल पर कोई काम सरकार ने नहीं किया।
पूर्वांचल में पहले से ज्यादा मजबूत हुई सपा
कहा जा रहा है कि मरहूम पूर्व विधायक अब्दुल कलाम का परिवार सपा में शामिल होने से सपा पूर्वांचल में पहले से ज्यादा मजबूत होगी। पूर्वांचल की कई अन्य पार्टियों से भी सपा का गठबंधन हो चुका है। मंगलवार को बसपा, कांग्रेस से भी तमाम नेताओं ने सपा की सदस्यता ली।
राबिया कलाम ने अखिलेश की मौजूदगी में समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहां कि इन नेताओं के पार्टी के साथ आने से हमारी ताकत बढ़ेगी। आगामी विधानसभा चुनाव में सपा सरकार बना रही है। प्रदेश की जनता भाजपा की सरकार से परेशान हो चुकी है, किसानों की अनदेखी करने वाली सरकार को जनता चुनाव में जवाब देगी।