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भारत का 2021-22 के लिए वस्तु व्यापार दृष्टिकोण तथा 2022.23 के लिए इसका पूर्वानुमान : फियो अध्यक्ष डॉ. ए. शक्तिवेल



 23/Dec/21

वित्त वर्ष 2021-22 के 400 बिलियन डॉलर के वस्तु व्यापार के साथ समाप्त होने की उम्मीद है। फियो अध्यक्ष डॉ. ए शक्तिवेल ने कहा कि ऐसा इसलिए होगा क्योंकि पिछले वर्ष के विपरीत, यह वित्त वर्ष 2022-23 के लिए एक उच्च आधार पर होगा। इस प्रकार ऐसे आंकड़ों पर 30-35 प्रतिशत की निर्यात वृद्धि कठिन होगी। विशेष रूप से अतिरिक्त निर्यातों को क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता भी हो सकती है। इसके अतिरिक्त जैसा कि 2021 में देखा गया, वस्तुओं की उच्च कीमतों से उत्साहित होने के कारण वैश्विक व्यापार में लगभग 22 प्रतिशत की बढोतरी हुई लेकिन अगले वर्ष हमारे निर्यातों को राहत उपलब्ध कराने के लिएए वैसी अनुकूल सहायता नहीं प्राप्त होगी। बहरहाल इसी के साथ-साथ चूंकि वैश्विक व्यापार में हमारा हिस्सा अभी भी 2 प्रतिशत से कम है। हमें अभी लंबी दूरी तय करनी है।

डॉ. शक्तिवेल ने कहा कि बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि क्या हम दुनिया भर में बड़े पैमाने पर टीकाकरण के जरिये कोविड.19 को नियंत्रित करने में सक्षम होंगे और आवश्यक क्षमता का निर्माण कर सकने में समर्थ होंगे जो यह निर्णय करेगा कि हमें अगले वित्तीय वर्ष के लिए 15.20 प्रतिशत की वृद्धि या और अधिक की उम्मीद करनी चाहिए। फियो अध्यक्ष ने दुहराया कि नए वैरिएटों के उभरने तथा इस समय आपूर्ति पक्ष चुनौतियों को देखते हुएए हम थोड़ा संकीर्णवादी होना चाहेंगे तथा अगले वित्त वर्ष के दौरान 460.475 बिलियन डॉलर के निर्यात का लक्ष्य निर्धारित करेंगे।

फियो अध्यक्ष ने यह भी कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि अगर महामारी नियंत्रित रही तो 2022 में वैश्विक उपभोग में उल्लेखनीय रूप से वृद्धि होगी। हमारे निर्यात के साथ अच्छी बात यह है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान पारंपरिक निर्यातों तथा निर्यात के उभरते क्षेत्रोंए दोनों क्षेत्रों में ही हमारा निर्यात बहुत संतुलित रहा है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि यही रुझान जारी रहेगा क्योंकि सभी निर्यातकों की ऑर्डर बुकिंग बेहद उत्साहजनक रही है और वैश्विक कंपनियों की चीन प्लस वन की नीति निश्चित रूप से  हमारे निर्यातों की सहायता कर रही है। चालू वर्ष के दौरान भारतीय निर्यात एक रुझान प्रदर्शित करता है कि चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में जब कुल निर्यात में लगभग 59 प्रतिशत की बढोतरी हुई। आसियान उत्तर पूर्व एशिया तथा सीआईएस देशों को छोड़कर लगभग सभी क्षेत्रों ने लगभग 60 प्रतिशत या उससे अधिक की वृद्धि दर प्रदर्शित की। शक्तिवेल ने कहा कि इसलिए अगले वर्ष भी हम महसूस करते हैं कि निर्यात में व्यापक वृद्धि होगी और नाफ्टा, यूरोप, मध्य पूर्व ओशिनिया को निर्यात में तेजी जारी रहेगी। विशेष रूप से हमें ब्रिटेन और यूएई के साथ मुक्त व्यापार समझौतों को जल्द ही संपन्न कर लेना चाहिए तथा 2022 में कनाडा तथा ऑस्ट्रेलिया के साथ क्रमशः सीईपीए; सेपाद्ध तथा सीईसीए; सेकाद्ध को पूरा कर लेना।


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