प्रभारी सत्र न्यायाधीश (राजेंद्र प्रसाद त्रिपाठी) की अदालत ने जेठ व उसकी पत्नी जेठानी को हथोड़ी से मारकर हत्या करने के मामले में ग्राम रहीमपुर नई बस्ती केराकतपुर, थाना लोहता निवासनी आरोपित देवरानी शहजादी की जमानत अर्जी सुनवाई के बाद आरोप को गंभीरता से लेते हुए ख़ारिज कर दिया। अदालत में वादी की ओर से बार कौंसिल आफ उप्र. के पूर्व चेयरमैन / सदस्य व वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर सिंह और उनकी सहयोगीता ज्योति सिंह ने जमानत अर्जी का विरोध किया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार वादिनी ने लोहता थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि 26 सितंबर 2021 को प्रातः लगभग 8:30 बजे वादिनी का बेटा निसार अहमद उम्र 40 वर्ष और उसकी पत्नी खुशबू हाशमी ने उसके बड़े बेटे नियाज की पुत्री शाइस्ता बानो को खाना दे दिया। इसी बात को लेकर दूसरे नंबर का बेटा निजामुद्दीन और उसकी पत्नी शहजादी झगड़ा करने लगे। इस बात को सुनकर निसार उर्फ सीपू समझाने के लिए नीचे वाले कमरे से ऊपर निजामुद्दीन के कमरे के पास पहुंचा। थोड़ी ही देर में मारपीट और शोर-शराबा होने लगा तो नीचे से खुशबू हाशमी भी भागकर ऊपर गई तो निजामुद्दीन व उसकी पत्नी ने लोहे के किसी सख्त हथौड़ी से सिर पर गहरा बारी - बारी वार कर दिया जिससे दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें ट्रामा सेंटर बीएचयू ले जाया गया, जहां गंभीर चोट के कारण चिकित्सकों ने उनकी मृत्यु होना करार दिया।
अदालत में जमानत अर्जी का विरोध करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर सिंह ने तर्क दिया कि प्रस्तुत प्रकरण में अभियुक्त पर अपनी पत्नी के साथ अपने दूसरे भाई व उसकी पत्नी को चोट पहुंचाकर हत्या किए जाने का आरोप है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार दोनों मृतकों की मृत्यु, मृत्यु पूर्व आई चोटों के कारण होना अंकित है। अभियुक्ता द्वारा कारित अपराध गंभीर प्रकृतिक का है। जमानत का आधार प्राप्त नहीं है।