फियो अध्यक्ष डॉ. ए.शक्तिवेल ने नवंबर, 2021 के निर्यात आंकड़ों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि 26.49 प्रतिशत से अधिक की उच्च दो अंक की वृद्धि के साथ 29.88 बिलियन डॉलर का मासिक निर्यात निष्पादन भारत के निर्यात क्षेत्र की निरंतर अनुकूलता को प्रदर्शित करता है। एक्जिम समुदाय ने पूरे वर्ष के दौरान जिस उत्साह के साथ प्रभावशाली प्रदर्शन किया है। उसने इस क्षेत्र को और बढ़ावा दिया जिससे इस वर्ष के प्रारंभ में आई कोविड 19 की दूसरी लहर के बाद अर्थव्यवस्था के सुधार की दिशा में बढ़ने में मदद मिली है। फियो प्रमुख ने कहा कि हाल के जीडीपी के आंकड़े भी निर्यात के प्रभावशाली प्रभाव को प्रदर्शित करते हैं जिन्होंने समग्र रूप से अर्थव्यवस्था के विकास में व्यापक रूप से योगदान दिया है।
निर्यातकों के प्रयासों तथा कड़ी मेहनत की प्रशंसा करते हुए, डॉ. शक्तिवेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सक्षम और गतिशील नेतृत्व के तहत उठाये गए कदमों का एवं केंद्रीय वित मंत्री तथा वाणिज्य और उद्योग एवं कपड़ा मंत्री द्वारा निर्यातकों के प्रति प्रदर्शित किए गए विश्वास एवं भरोसे का भी स्वागत किया। फियो अध्यक्ष ने कहा कि महीन के दौरान जिन शीर्ष क्षेत्रों ने प्रभावशाली प्रदर्शन किया, उनमें इंजीनियरिंग वस्तुएं, पेट्रोलियम उत्पाद, जैविक एवं अकार्बनिक रसायन, इलेक्ट्रोनिक वस्तुएं, कपास सूत/फैब्रिक्स/फेड अप्स, हथकरघा उत्पाद आदि, समुद्री उत्पाद, प्लास्टिक एवं लिनोलियम एवं सभी कपड़ों का आरएमजी शामिल है। इनमें से कई श्रम केंद्रित सेक्टर थे जिन्होंने महीने के दौरान निर्यात बास्केट में प्रमुखता से योगदान दिया। यह अपने आप में एक शुभ संकेत है जिससे देश में रोजगार सृजन में और सहायता मिलेगी। डॉ. ए. शक्तिवेल ने कहा कि बहरहाल महीने के दौरान आयात फिर से 57 प्रतिशत से अधिक की उच्च बढोतरी के साथ 53.15 बिलियन डॉलर रहा जो चिंता का विषय है और इसका विश्लेषण किया जाना चाहिए।
फियो प्रमुख का मानना है कि हालांकि सरकार ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाये हैं, पर समय की मांग है कि जल्द ही ब्याज समकरण योजना के विस्तार की घोषणा की जाए और एमईआईएसए रोडटेप तथा आरओएससीटीएल के हस्तांतरण की अनुमति दी जाए। कुछ ऐसे प्रमुख मुद्वे जिन पर सरकार को तत्काल ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है उनमें कोविड 19 नए वैरिएंट के विस्तार के मामले में सेक्टर की सहायता के विकल्प के साथ आवश्यक कदम लिक्विडिटी तथा खाली कंटेनरों के प्रवाह को बढ़ाना तथा शिपिंग लाइंस द्वारा विभिन्न शुल्कों को थोपे जाने के औचित्य के बारे में एक नियामकीय प्राधिकरण की स्थापना जिन पर सरकार को तत्काल हस्तक्षेप करने की आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त सभी प्रकार के निर्यातों पर 31 मार्च 2022 तक माल ढुलाई में सहायता, क्योंकि माल ढुलाई की दरों में बेहद तेज बढोतरी हो गई है और इनमें निकट भविष्य में कमी आने की संभावना नहीं है