आज़ादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत आपदा जोखिम नियुनीकरण हेतु कमान्डेंट मनोज कुमार शर्मा के कुशल दिशा-निर्देशन में 11 एनडीआरएफ वाराणसी की टीमों द्वारा उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के विभिन्न ज़िलों में मौजूद ऐतिहासिक इमारतों एवं धरोहरों में मॉक अभ्यास आयोजित किये जा रहे हैं । उसी कड़ी में सोमवार को राष्ट्र की धरोहर एवं ऐतिहासिक स्थल सारनाथ में कमान्डेंट मनोज कुमार शर्मा की अगुवाई में 11 एनडीआरएफ वाराणसी की टीम ने विभिन्न एजेंसियों के साथ सामंजस्य स्थापित करते हुए में ज़िला प्रशासन, पुलिस, पुरातत्व विभाग पर्यटन विभाग की टीमों के साथ CBRN (केमिकल, बायोलोजिकल, रेडिओलोजिकल और न्यूक्लियर) आपदा पर संयुक्त मॉक अभ्यास किया गया ।
इस मॉक अभ्यास में रेडियोलॉजिकल इमरजेंसी के परिदृश्य को चित्रित किया गया था, जिसमें सारनाथ संग्रहालय के पार्क में एक रेडियोधर्मी पदार्थ पाया गया था, जिससे वहाँ पर मौजूद कुछ पर्यटक प्रभावित हुए । जिससे प्रभावित पीड़ितों को निकालने हेतु विशेष प्रतिक्रिया के लिए एनडीआरएफ टीम को बुलाया गया । सबसे पहले एनडीआरएफ की टीम ने जानकारी जुटाकर स्थिति का आकलन किया । इसके साथ ही ऑपरेशन बेस, मेडिकल पोस्ट और कम्युनिकेशन पोस्ट तैयार किया गया । इसके बाद टीम ने खतरे की जांच कर ऑपरेशन शुरू किया । बचाव दल ने सीबीआरएन सूट और एससीबीए सेट की मदद से गंभीर रूप से प्रभावित पीड़ितों को निकाला और तत्पश्चात रेडियोधर्मी पदार्थ को घटना स्थल से हटाया गया । इस मॉक अभ्यास का मुख्य उद्देश्य किसी भी केमिकल, बायोलोजिकल, रेडियोलॉजिकल एवं न्यूक्लियर आपदा के दौरान प्रभावित हुए व्यक्तियों के अमूल्य जीवन की रक्षा करना, सभी रेस्पोंस एजेंसियों का रेस्पोंस चेक करना व सभी हित धारकों के बीच आपसी समन्वय स्थापित करना तथा खोज, राहत व बचाव कार्य के संचालन में आने वाली कमियों की समीक्षा कर उन्हें दूर करना भी है।
कमान्डेंट मनोज कुमार शर्मा ने बताया की इस तरह के मॉक अभ्यास से किसी भी आपदा में आपसी समन्वय स्थापित करके बचाव हेतु त्वरित कार्यवाही की जा सकती है और अमूल्य मानवीय जीवन को बचा कर क्षति को कम किया जा सकता है ।