देश में महात्मा गांधी के नेतृत्व में ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ हुआ असहयोग आंदोलन की 101 वीं वर्षगांठ पर वाराणसी में प्रतिरोध धरना का आयोजन किया गया है जिसमें राजनीतिक-सामाजिक संगठनों के साथ ही मजदूर-किसान और छात्र युवा आंदोलनों से जुड़े लोग शामिल होंगे। यह धरना पूर्वाह्न 11 बजे टाउनहाल स्थित गांधी प्रतिमा पर शुरु होगा।
यह निर्णय गैर भाजपा राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों तथा मजदूर, किसान छात्र युवा आंदोलनों से जुड़े नेताओं की बैठक में लिया गया। गौर तलब है 1 अगस्त 1920 को गांधी जी ने विदेशी सत्ता के खिलाफ असहयोग आंदोलन का शंखनाद किया था जिससे ब्रिटेश सरकार की नींव हिल गई थी। उस ऐतिहासिक आंदोलन को हुए आज 101 वर्ष पूर्ण हो गये। देश में आज वैसे ही हालात बन गए हैं। लोकतंत्र और व्यक्ति की आजादी खत्म की जा रही है। असहमति को कुचला जा रहा है, जिससे चौतरफा भय और आतंक का माहौल है। अर्थव्यवस्था तबाह और बर्बाद हो रही है। बेतहाशा महॅगाई से आम आदमी की कमर टूट गई है। व्यक्ति से न सिर्फ सम्मान पूर्वक जीने का अवसर छीन लिया गया है बल्कि उसकी मृत्यु को भी सम्मान नहीं मिल पा रहा। कोरोना महामारी से देश में लाखों लोग समुचित दवा व इलाज के आभाव में दमतोड़ चुके है लेकिन मृतकों के आंकड़ों को छुपाया जा रहा है। अंधाधुंध निजीकरण ने देश को गुलामी के रास्ते पर धकेल दिया है। ऐसे में जरुरत है एक सशक्त और अहिंसक जन प्रतिरोधकी, जिसकी शुरुआत 1 अगस्त को प्रतिरोध धरना से होगी।
धरने में उपस्थित लोगों की सहमति और उनके विचार व सुझावों को समेटते हुए तैयार प्रारुप को आगामी 9 अगस्त क्रांति दिवस पर आयोजित संघर्ष प्रतिनिधि संसद में प्रस्तुत कर जनअभियान को और सघन बनाने के लिए जिले में जगह-जगह जन संघर्ष संसद आयोजित की जाएगी।