विधानसभा चुनाव 2022 में योगी सरकार से मुकाबले के लिए विपक्ष दलों के बीच उन्नीस-बीस की लड़ाई होती नजर आ रही है। पंचायत चुनाव में करारी हार के बाद सपा अब आगामी विधानसभा चुनाव किसी भी किमत पर हारना नहीं चाहती। समाजवादी पार्टी के पूर्व पार्षद व स्वतंत्रता सेनानी नन्हे खान कहते हैं कि यूपी में बीजेपी का विकल्प सपा ही है। मौजूदा सपा के विधायकों की संख्या भले ही कम हो, लेकिन जनता के मुद्दों को उठाने में सड़क से लेकर सदन तक में समाजवादी पार्टी पीछे नहीं रही है। पिछले चार सालों में हमने योगी सरकार की जनविरोधी नीतियों का पुरजोर तरीके से विरोध किया है। सूबे में जिन लोगों ने बीजेपी को 2017 में वोट देकर जिताया है वो आज अखिलेश यादव की सरकार को याद कर रहे हैं, क्योंकि तमाम घटनाओं और पीड़ितों के साथ सपा खड़ी ही नहीं बल्कि हर संभव मदद भी करने का काम किया है। 2022 में अखिलेश यादव के नेतृत्व में सपा ही सूबे की सत्ता से बीजेपी को बेदखल करने का काम करेगी। इस बात को दूसरी राजनीतिक दलों के नेता भी समझ रहे हैं और वो इसीलिए अखिलेश यादव के साथ जुड़ रहे हैं।
शहर दक्षिणी में समद अंसारी के अलावा कोई दूसरा चेहरा नहीं
वाराणसी की राजनीति पर चर्चा करते हुए नन्हे खान ने कहा कि पार्टी ने अगर पूर्व विधायक हाजी अब्दुल समद अंसारी को टिकट दिया तो शहर दक्षिणी विधानसभा से भाजपा की जमानत जब्त हो सकतीं हैं, क्योंकि समद अंसारी ही वह चेहरा है जो सभी लोग के दिलों में बसता है। उन्होंने कहा कि समद अंसारी एक अच्छे नेता हैं वह जाती धर्म से हटकर काम करते हैं। अगर यहा से विधायक बनेगे तो हर वर्ग के लिए काम करेंगे।