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वाराणसी के थाना चौबेपुर में पिछले दिनों बम विस्फोट कर पिता-पुत्र की हत्या करने में शामिल तीन अभियुक्त हुए गिरफ्तार : आनंद कुलकर्णी



 04/Sep/18

घटना में प्रयुक्त तार,डिवाइस, फ्युज, बैटरी,साईकिल व मोबाइल फोन बरामद

वाराणसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आनंद कुलकर्णी द्वारा ईनामिया/वांछित अपराधियों के विरूद्ध चलाये जा रहे अभियान के क्रम में आज पुलिस अधीक्षक ग्रामीण अमित कुमार व पुलिस अधीक्षक अपराध ज्ञानेन्द्र नाथ प्रसाद की टीम को चौबेपुर क्षेत्र में बम विस्फोट कर सनसनीखेज तरीके से पिता-पुत्र की हत्या की घटना में शामिल अभियुक्तों की गिरफ्तारी व घटना में प्रयुक्त सामान की बरामदगी कर बड़ी कामयाबी हासिल की।

बताते चलें कि दिनांक 28/29 अगस्त 18 की रात में बम ब्लास्ट कर चौबेपुर थाना क्षेत्र के ग्राम मिल्कोपुर निवासी लाल जी यादव व उनके पुत्र अजय यादव की हत्या कर दिया गया था । जिस संबन्ध में मृतक के भाई श्याम जी यादव ने थाना- चौबेपुर, वाराणसी में मु.अ.सं.- 444/18 धारा-302/34/506/120बी/427/336/286 भादवि व 7 सी.एल.ए. एक्ट व 3 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम पंजीकृत कराया गया था।

एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने आज 3 सितम्बर 18 को उक्त सनसनीखेज घटना का खुलासा करते हुए उक्त घटना में शामिल अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए बनाई गई टीम में शामिल प्रभारी क्राइम ब्रान्च विक्रम सिंह व थाना चौबेपुर पुलिस द्वारा घटना में शामिल तीन अभियुक्तगण सोनू यादव, मुन्नीलाल यादव व किरण वर्मा को चिरईगांव पी.एच.सी. के पास से गिरफ्तार किया गया। सोनू यादव व मुन्नीलाल के निशानदेही पर घटना के दौरान बम विस्फोट कराने में प्रयुक्त तार,बैटरी, इलेक्ट्रिक फ्यूज व डिवाइस अपने घर से बरामद कराया और सोनू व किरण वर्मा के पास से घटना में प्रयुक्त मोबाइल बरामद हुआ ।

गिरफ्तार अभियुक्तगण से पूछताछ करने पर प्रकाश में आया कि घटना स्थल पर वर्मा बन्धुओं का 10 बीघा जमीन है जिसकी देखरेख व खेती व वाउण्ड्रीवाल कराने हेतु अभियुक्त मुन्नीलाल को दिया गया था । मुन्नीलाल यादव के लड़के सोनू यादव द्वारा उक्त जमीन की वाउण्ड्रीवाल तीन तरफ से कराई गई परन्तु जब मृतक लालजी के मकान पीछे वाउण्ड्रीवाल कराई जा रही थी तो सोनू यादव व मृतक लालजी व उनके परिवार से विवाद हुआ था। जिसमें हाथा-पाई व धक्का-मुक्की हुई थी, जिसमें सोनू ने उड़ा देने की धमकी भी दिया था। लाल जी के मुताबिक सेठ जी जमीन में 10 फुट जमीन लाल जी की थी, परन्तु वर्मा बन्धुओं, सोनू व मुन्नी लाल द्वारा देने से इंकार कर दिया गया था। विवाद के बाद जमीन की नापी का प्रयास हुआ था, जिसमें भी लाल जी का 10 फुट जमीन निकल रहा था जिसे वर्मा बन्धु मानने को तैयार नही थे। चूकि वर्मा बन्धुओं द्वारा 10 फुट जमीन अगर लाल जी को देते तो जितने मकान बने है सबको देना पड़ता और एक बीघा जमीन वर्मा बन्धुओं की जमीन चली जाती। इसी कारण नापी वर्मा बन्धुओं द्वारा नहीं माना गया। चूकि लालजी ही उस विवाद के अगुआ थे । जमीन के मालिक किरन चन्द वर्मा द्वारा मुन्नीलाल व उसके लड़के सोनू यादव को विवादित जमीन में हिस्सा देने का प्रलोभन देकर लालजी यादव व उसके लड़के अजय को ठिकाने लगाने को बोला गया था। मुन्नीलाल व सोनू यादव ने पिता-पुत्र को बम से उड़ाने की योजना एक महीने पूर्व ही कर लिया था। चूकि सोनू यादव मथुरा के पालीटेक्निक कालेज से मैकेनिकल ट्रेड में डिप्लोमा कोर्स कर रखा है और चुनार सीमेंट फैक्ट्री, उड़ीसा के संभलपुर, रायगढ़ में भी काम किया था। काम करने के दौरान विस्फोट कर चट्टान तोड़ने वाले लोगों से इसकी गहरी दोस्ती हो गई थी। जिनसें वह विस्फोट करने के तरीको को जान गया था। सोनू चुनार सीमेंट फैक्ट्री में नौकरी छोड़ कर रामनगर में आयरन फैक्ट्री में काम करने लगा था। घटना करने से एक माह पहले अपने मित्र से विस्फोटक व डेटोनेटर प्राप्त कर 23/24 अगस्त18 की रात को अपने ट्यूबेल की दीवार में विस्फोटक व डेटोनेटर लगाकर विस्फोट का ट्रायल किया था, जिसके बारे में छानबीन की जा रही है, जिसे सेंध मारकर चोरी का रूप दिया गया था। सुनियोजित तरीके से 28 अगस्त18 को सवेरे ही अपने पड़ोसी दीपक यादव की बोलेरो लेकर सोनू और मुन्नीलाल अपने रिश्तेदारी में तथाकथित पंचायत में बिन बुलाये शामिल होने चले गये ताकि उन पर कोई शंका न करे और अपना मोबाइल भी स्वीच आफ कर दिया था। रात 11 बजे सोनू ने अपने पिता को अपने साले संदीप के साथ मोटर साईकिल से घर भेज दिया था और स्वयं वहां रूकने का नाटक किया। रिश्तेदारों के सो जाने पर बोलेरो से किरन चन्द वर्मा के ट्यूबेल पर आया और वहां पर पहले से मौजुद मुन्नीलाल के साथ मिलकर छुपाये रखे तार व डेटोनेटर को सेट कर बैटरी से जोड़कर मृतक लाल जी व मृतक अजय के सिरहाने रखकर विस्फोट कर पुनः अपने रिश्तेदारी में भाग गया और मुन्नीलाल अपने घर वापस चला गया । जल्दबाजी में मुन्नीलाल मौके पर ही अपनी साईकिल छोड़कर भाग गये थे, जिसे बाद में पुलिस ने बरामद कर लिया था । घटना के बाद सोनू ने अपने सेठ किरन वर्मा के मोबाइल से घटना की जानकारी दे दिया था।

अपराधियों को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में उ. नि. विक्रम सिंह (प्रभारी क्राइम ब्रान्च) उ.नि. राकेश सिंह, का. सुमन्त सिंह, का. सुरेन्द्र मोर्या, का. रामभवन यादव, का. पुन्देव सिंह, का. रामबाबू, का. रमेश तिवारी, का. चन्द्रसेन सिंह, का. कुलदीप सिंह, का. घनश्याम वर्मा, का.चा. सुनील राय, हे.का. श्याम लाल गुप्ता(सर्विलांस सेल),विवेकमणि त्रिपाठी (सर्विलांस सेल)। 
उ. नि. ओम नारायण सिंह(थानाध्यक्ष चौबेपुर) , उ.नि. लक्ष्मण यादव, उ.नि. अनुज त्रिपाठी, उ.नि. विनित कुमार गौतम, उ.नि. विनय तिवारी, उ.नि.गोपाल जी मिश्रा, का. योगेन्द्र यादव, का. सुरेन्द्र सिंह, का. उपेन्द्र यादव, का. सत्य प्रकाश तिवारी , सुरेन्द्र यादव, कमलेश त्रिपाठी ।


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