उत्तर प्रदेश कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के चेयरमैन आलोक प्रसाद की उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अलोकतांत्रिक और साजिश के तहत की गयी गिरफ्तारी का कांग्रेस पार्टी पुरजोर विरोध करती है और मांग करती है कि आलोक प्रसाद को तत्काल रिहा किया जाए।
दलित विरोधी मानसिकता के चलते उत्तर प्रदेश की योगी सरकार दलितों को सम्मान और सुरक्षा देने में नाकाम साबित हुई है। विगत कई महीनों में यूपी में दलित उत्पीड़न और अत्याचार के मामलों में लगातार वृद्धि हुई है। दलित बेटियों पर बलात्कार और हत्याओं से पूरा यूपी दहल गया है। हाथरस का मामला आप सभी के सामने है। जब तक माननीय न्यायालय संज्ञान नहीं लिया दलित विरोधी योगी सरकार इस मामले में पूरी तरह शान्त रही और घटना को छिपाने के लिए रातों रात दलित बेटी के शव को पुलिस प्रशासन ने दबाव में पेट्रोल डालकर जला दिया। इस तरह की जघन्य घटनांए बुलन्दशहर, अमरोहा, कानपुर, गोरखपुर, आजमगढ़, कानपुर, गोण्डा, बस्ती, शाहजहांपुर, उन्नाव आदि जनपदों में घटित हुई हैं। रोजाना प्रदेश के जनपदों में बच्चियों के साथ रेप, गैंगरेप और हत्या की घटनांए सामने आ रही हैं।
ऐसा पहली बार उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के शासनकाल में देखा गया है कि घाटमपुर में 6 साल की बच्ची के साथ रेप करने के बाद भेजा निकालकर खाये जाने की घटना सामने आई है। इसके अलावा बांदा में सैकड़ों छोटे बच्चों के साथ कुकर्म करने वाले नरपिशाच सामने आ रहे हैं। ऐसी परिस्थितियों में सिर्फ कांग्रेस पार्टी ही दलित हितैषी और दिलतों के प्रति संवेदना दर्शाते हुए उनके साथ मजबूती से खड़ी रही।
हमारी यूपी की प्रभारी आदरणीय श्रीमती प्रियंका गांधी जी एवं पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी स्वयं हाथरस जाकर पीडि़त परिवार से मिले और उनको न्याय दिलाये। साथ ही हमारी पार्टी का हर कार्यकर्ता आलोक प्रसाद के साथ दिन रात दलितों के साथ हो रहे उत्पीड़न की जानकारी मिलते ही उनके दुख में साथ खड़े होकर उन्हें न्याय दिलाने एवं एफआईआर दर्ज कराने के साथ पुलिस प्रशासन पर शीघ्र कार्यवाही करनेपर दबाव बनाते रहे।
आलोक प्रसाद कोरोना महामारी के समय भी दलितों के घर अनाज और दैनिक उपयोग की वस्तुएं कांग्रेसजनों के साथ पहुँचाते रहे।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को प्रदेश कांग्रेस के दलित चेयरमैन आलोक प्रसाद का यह सेवाभाव रास नहीं आया। कांग्रेसजनों और उनकी सक्रियता को देखते हुए झूठे आरोपों और मुकदमें में फंसाकर साजिशन उन्हें 14 अक्टूबर की रात्रि में उनके आवास से पुलिस द्वारा जबरन गिरफ्तार कर असंवैधानिक रुप से जेल में डाल दिया गया। आज के समय में यदि कोई भी गरीबों, दलितों, मजलूमों के दुख में ढांढस बंधाये या मुसीबत के साथ दे तो यह तानाशाही अंहकारी सरकार उस पर फर्जी मुकदमें दर्ज कर जेल में डालने का काम करती है, इससे भाजपा का दलित विरोधी चेहरा उजागर हो गया है। यह संविधान का विच्छेदन कर संविधान में प्रदत्त अधिकारों का हनन करने पर आमादा है। उत्त प्रदेश अनुसूचित जाति विभाग इसी के मद्देनजर दिनांक 26 नवम्बर 2020 को संविधान दिवस पर शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन कर आलोक प्रसाद की रिहाई की मांग करते हुए जिलाधिकारी को एक संविधान की प्रति और आलोक प्रसाद पासवान की एक फोटो भेंट करेंगे, ताकि आगे आने वाले समय में असंवैधानिक रूप से किसी की गिरफ्तारी न हो, इसके लिए संविधान को बचाने के लिये प्रयास और संघर्ष कांग्रेस पार्टी करती रहेगी।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कांग्रेस कमेटी जिलाध्यक्ष राजेश्वर सिंह पटेल, महानगर अध्यक्ष राघवेन्द्र चौबे आदि परमुख्य रहे।