एमएलसी चुनाव 2020 का शंखनाद हो चुका है। 1 दिसंबर को 8 जिलों में मतदान होना है। प्रत्याशी पूरे दमखम के साथ चुनावी प्रचार प्रसार में जुट गये हैं। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र में कुछ अलग ही रंग हैं, इस बार कांग्रेस संगठन से दो उम्मीदवार दावा कर रहे हैं। अब यह तय कर पाना मुश्किल हो रहा है कि अधिकृत प्रत्याशी कौन है नागेश्वर सिंह अथवा संजीव सिंह। ऐसे में कांग्रेस संगठन जिन्हें अपना प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। नागेश्वर सिंह से क्लाउन टाइम्स ने एक सीधी बातचीत में बताया कि वाराणसी के पास मजभिटिया गांव का निवासी हूं। मेरे पिता डॉ.घनश्याम सिंह उदय प्रताप महाविद्यालय में साइंस फैकल्टी के डीन थे और मैं उन्हीं का पुत्र हूं। इसके बाद मैं कई महाविद्यालयों और इंटर कॉलेजों का प्रबंधक हूं। शिक्षा के क्षेत्र में मैंने बहुत कार्य किया है। विश्वविद्यालयों मे बच्चों की फीस वृद्धि की बात थी, मैंने अकेले बूते पर अपने संगठन के द्वारा लड़ाई लड़ी और मैंने सभी गरीब बच्चो की 500-700 तक परीक्षा फीस माफ करवाई है। जिसका उदाहरण मीडिया और अखबार में भी इससे पहले हुआ करता था। इसके लिए किसी ने भी कोई लड़ाई नहीं लड़ी, चाहे जो भी प्रत्याशी हो या विधान परिषद के सदस्य हों, कोई भी ये कह नहीं सकता कि किसी ने भी इसमें पहल तक की है।
जहां तक कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी की बात है तो ये पार्टी का निर्णय है और संगठन की जिम्मेदारी है। दूसरे प्रत्याशी के बारे में मेरी कोई जिम्मेदारी नहीं है। पार्टी का आदेश से मैंने अपने चुनाव की शुरुवात की है और पूरे 8 जिलों में मैं यह दावे के साथ कह सकता हूं कि पार्टी संगठन के लोग मेरे साथ है। आठों जिलों के जिलाध्यक्ष, महानगर अध्यक्ष, संगठन मंत्री और पुराने कद्दावर नेता विजय शंकर, सतीश चौबे, पूर्व विधायक अजय राय, राघवेन्द्र चौबे, प्रमोद पाण्डेय, राजेशपति त्रिपाठी आदि सभी लोग मेरे साथ मिलकर मेरे प्रचार में साथ दे रहे हैं।
एमएलसी चुनावी के मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि सबसे पहला हमारा प्रयास रहेगा कि जो गरीब छात्र हैं उनकी मदद करना और फीस में एकरूपता लाना। दूसरा मुद्दा रहे पेंशन बहाली का है, जैसे पहले पेंशन मिला करती थी फिर से वो सुविधा शुरू हो जाये, क्योंकि रिटायर्ड होने के बाद वही एक ऐसा सहारा है जिससे अपने परिवार का भरण-पोषण कर सके। इसके अलावा समान कारीगरी समान वेतन जो कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है इसको पालन करना चाहिये। प्राइमरी, माध्यमिक और डिग्री कॉलेज में शिक्षकों को स्वपोषित योजना चालू की गई है, उसमें तमाम ऐसे शिक्षक भाई हमारे हैं जो कम रूपयों में शिक्षा दे रहे हैं, उसमें भी समानता लाना मुद्दा रहेगा।
पिछली बार के चुनाव परिणाम और इस बार की सीधी लड़ाई के सवाल पर श्री नागेश्वर ने कहा कि मेरे साथ कांग्रेस संगठन के साथ ही पूरा शिक्षक समाज, स्वपोषित शिक्षक कॉलेज समाज, सभी मेरे साथ खड़े हैं तो मैं खुद को एक मजबूत प्रत्याशी के रूप में देख रहा हूँ। चूंकि पिछली बार भी मैं निर्दल प्रत्याशी के रूप में लड़ा था और तीसरे स्थान पर रहा, लेकिन इस बार कांग्रेस संगठन, शिक्षक संगठन, शिक्षामित्र की समानता की लड़ाई इन सब को लेकर मैं चुनाव में उतरा हूं, मेरी लड़ाई किसी से नहीं है।
शिक्षामित्र के सवाल पर कहा कि शिक्षामित्र को समान अधिकार मिलना चाहिए, जिस प्रकार प्राईमारी के टीचरों को मिलता है वैसे उन्हें सरकार को देना चाहिये। अगर समानता की बात नहीं हो सकती तो उनका मानदेय ऐसा होना चाहिये जिससे उनका पूरा परिवार का भरण-पोषण हो सके।