एमएलसी स्नातक व एलएलसी शिक्षक 2020 के चुनाव का शंखनाद हो चुका है। सबसे दिलचस्प नजारा प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस के निर्वाचन खंड का है, जहां दर्जनों प्रत्याशीयों के भाग्य का फैसला वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, बलिया, जौनपुर, भदोही, मीरजापुर, सोनभद्र के मतदाताओं के द्वारा 1 दिसम्बर को होने वाला है। वैसे तो इस चुनाव में प्रत्याशीयों से लेकर मतदाता सभी पढे लिखे हैं लेकिन पढ़े-लिखों के बीच भी गुटबाजी, जातिवाद, पार्टी सभी समीकरणों को साधने में प्रत्याशी जुटे हुए हैं। वैसे तो निर्वाचन खंड वाराणसी स्नातक पर केदार सिंह व शिक्षक पर चेतनारायण सिंह का कब्जा बरकरार है जिन्हें शिकस्त देने के लिये कांग्रेस, सपा, सहित दर्जनों प्रत्याशीयों ने उन्हें सीधी टक्कर देने का दावा कर रहे हैं।
कांग्रेस से स्नातक एमएलसी प्रत्याशी नागेश्वर हैं संजीव नहीं : अजय राय, पूर्व विधायक
सबसे पहले हम बात करते हैं पूरे प्रदेश में अपना वजूद खो चुकी कांग्रेस पार्टी में स्नातक एमएलसी के अधिकृत प्रत्याशी संजीव कुमार सिंह और नागेश्वर सिंह की जिनको लेकर मतदाताओं में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। जिसके चलते बनारस में कांग्रेस के झंडा बरदार नेता और पूर्व विधायक अजय राय सहित जिलाध्यक्ष राजेश्वर सिंह पटेल, महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे आदि ने बकायदा प्रेस रिलीज जारीकर संजीव कुमार सिंह को सिरे से खारिज करते हुए दावा किया है कि नागेश्वर सिंह कांग्रेस के एमएलसी स्नातक निर्वाचन खण्ड वाराणसी के अधिकृत प्रत्याशी हैं।
क्लाउन टाइम्स ने जब इस मामले में संजीव कुमार से सवाल किया तो उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि उन्हें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी के द्वारा 13 मार्च 2020 को स्नातक निर्वाचन में अधिकृत प्रत्याशी के रूप में पत्र प्राप्त हुआ है जिसमें मुझे ही प्रत्याशी घोषित किया गया है। कहा कि जिन लोगों ने भी हमारे विरूद्ध नागेश्वर सिंह को अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया है वे राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनियागांधी और आठों जिलों के प्रभारी पूर्व सांसद राजेश मिश्रा, प्रदेश महासचिव विश्व विजय सिंह, मकसूद खां, ललितेशपति त्रिपाठी से बड़े नेता नहीं हैं। रही बात पूर्व विधायक अजय राय और आठों जिलों के जिलाध्यक्षों की तो सभी लोग हमारे साथ हैं।
हमारी लड़ाई सीधे भाजपा प्रत्याशी वर्तमान एमएलसी केदारनाथ सिंह से है जिन्होंने 14 वर्षों से उच्च सदन को पिकनिक स्पाट बनाया है। हमारा चुनावी मुददा शिक्षामित्रों के हक की लड़ाई, अधिवक्ताओं से लेकर अन्य प्रबुद्धजनों की समस्याओं को प्राथमिकता के तौर पर आगे लाने का प्रयास करूंगा।
सपा के आशुतोष सिन्हा ने पूरी ताकत झोंकी और लालबिहारी का प्रचार है धीमा
समाजवादी पार्टी ने भी एमएलसी स्नातक के लिये अधिकृत प्रत्याशी के रूप में जहां एक ओर आशुतोष सिन्हा को चुनावी मैदान में उतारा है वहीं दूसरी ओर शिक्षक एमएलसी के लिये आजमगढ़ के रहने वाले लालबिहारी यादव को अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया है। श्री आशुतोष के साथ समाजवादी पार्टी का पूरा संगठन जोर शोर से लगा है लेकिन लालबिहारी यादव का चुनाव प्रचार फिलहाल कमजोर साबित हो रहा है।
डॉ. गोपाल सिंह चुनाव प्रचार में सक्रिय नहीं हैं भाई डॉ. गया सिंह
निर्दल प्रत्याशीयों की लंबी फेहरिस्त है जिसमें डॉ. गया सिंह के भाई गोपाल सिंह पूरे दमखम के साथ एमएलसी स्नातक प्रत्याशी के रूप में प्रचार में जुटे हैं। पिछले बार सपा के डॉ. सूबेदार सिंह का टिकट काटकर इन्हें पार्टी का अधिकृत उम्मीदवार बनाया गया था और स्वयं जाने माने साहित्यकार डॉ. गया सिंह ने इनके चुनाव की कमान संभाली थी फिर भी इन्हें सफलता नहीं मिली। इस बार गोपाल सिंह के बैनर पोस्टर पर भले ही उनके भाई डॉ. गया सिंह का नाम है किंतु किन्हीं निजीकारणों से इस बार वे चुनाव प्रचार से दूर हैं। क्लाउन टाइम्स ने जब डॉ. गया सिंह से फोन पर बात किया तो उन्होंने बड़े ही मजाकिया अंदाज में कहा कि प्रत्याशीयों का हाल ठीक वैसा ही है जैसे ‘तराजू पर एक-एक कर मेढकों को रखा जाये और पल भर में वो उछलकर भाग जायें’। कुल मिलाकर सोनभद्र से आठों जिले में चुनाव प्रचार की कमान गोपाल सिंह के बेटे अंकित सिंह ने संभाली है और ताउ जी के पास भी बीच-बीच में दस्तक देते रहते हैं।
इनके अलावा एमएलसी स्नातक प्रत्याशी के रूप में डॉ. सूबेदार सिंह, डॉ. अनिल कुमार, करूणाकांत मौर्य, फौजदार सिंह, जयचंद, राजेश यादव, अरविंद कुमार सिंह, संतोष कुमार तिवारी, पंकज कुमार, गणेश गिरी, संतोष पाण्डेय, विनय कुमार त्रिपाठी, राहुल कुमार सिंह, लोकेश कुमार आदि चुनाव मैदान में हैं। वहीं दूसरी ओर शिक्षक एमएलसी के लिये डॉ. प्रमोद कुमार मिश्र, धर्मेन्द्र कुमार, फरीद अंसारी, रंजनी द्विवेदी, रमेश सिंह, कृष्ण मोहन यादव, जितेन्द्र कुमार सिंह, संजय कुमार सिंह आदि भी चुनावी मैदान में हैं।