बुधवार को बुनकर बिरादराना तंज़ीम बाईसी के काबीना की बिजली बिल की समस्या को लेकर मुर्री बंद को लेकर एक अहम् बैठक हुयी। सरकार द्वारा जो 2006 से बुनकरों को फ्लैट रेट से दी जा रही बिजली को दि0 01/01/2020 से रोक दी गयी है उसे चालू कराने को ले कर बनारस की बुनकर बिरादराना तंज़ीम बाईसी के सरदार हाजी अब्दुल कलाम साहब के सदारत में उनके काजी शादुल्लापुरा स्थित आवास पर एक अहम् बैठक हुयी। जिसमे बाईसी के काबीना के सरे सदस्यों ने सर्वसम्मति से यह तय किया की उ0 प्र0 सरकार द्वारा सिर्फ बार बार आस्वासन मिल रहा है और सरकार ने वादा किया था की जुलाई तक के सरे पवेरलूम के बिल कार्ड से जमा होंगे और उसके बाद फ्लैट रेट से ही बिजली बुनकरों को दी जायेगी पर आज वादा किये लगभग डेढ़ महीना हो गया पर कुछ नहीं हुआ उसी को ले कर उ0 प्र0 बुनकर सभा द्वारा जो 03/10/2020 को अनिश्चित कालीन बंदी को ले कर मीटिंग में तय हुआ था वो बंदी दि015/10/2020 से फिर से सुरु हो रही है जिसके समर्थन का एलान सभी बुनकर बिरादराना तंजीमो ने कर दिया है। आज इस मौके पर बुनकर बिरादराना तंज़ीम बाईसी के सरदार हाजी अब्दुल कलाम ने कहा की आज बुनकरों की बदहाली किसी से छुपी नहीं है आज जो स्तिथि बुनकरों की है वैसी ही स्तिथि 2006 के पूर्व में भी थी तो उस वक्त की सरकार ने कानून बना कर बुनकरों को किसानो के तर्ज़ पर फ्लैट रैट बिजली दी थी जिसके कारण बुनकरों की बदहाली दूर हुयी जो अब तक बदस्तूर चल रही थी अब न जाने क्या हुआ किया बुनकरों के साथ सौतेला ब्यवहार किया जा रहा है जो की जनहित में नहीं है । क्यू की बुनकारी लाईन में जीतने मुस्लिम जुड़े है उतने ही हिन्दू भाई भी जुड़े है और यही गंगा जमुनी तहजीब है जो हिन्दू मुस्लिम को एक साथ जोड़ कर चलती है ये हमारे बनारस की पहचान है । हम सभी पंचायत के लोग सरकार से मांग करते है की जिस तरह बुनकरों को 2006 से फ्लैट रेट बिजली मिलती थी वो बदस्तूर जारी रहे और सरकार को ये पूरा हक़ है की फ़्लैट रेट अगर पहले के मुकाबले कम है तो उसमे बढ़ा कर ले ताकि जो पूर्व की सरकार ने कानून बनाया था उस कानून के तहत हम बुनकरों को फ़्लैट रेट से बिजली मिले, आज इस बैठक में सामिल हाजी अब्दुल कलाम, हाजी नूरुद्दीन सरदार, बाबू लाल किंग, हाजी अनवार, हाजी बाबू, हाजी नेसार, पार्षद हाजी ओकास अंसारी, पार्षद गुलशन अली, अफ़रोज़ अंसारी, हाजी नासिर हाफिज, मौलाना सकील, हाजी इफ्तार, सरदार मोइनुद्दीन, हाजी यासीन माइको, गुलाम मोहम्मद, हाजी छोटक, हाजी मतिउल्ला, हारुन अंसारी, सहित काबीना के सभी सदस्य मौजूद थे।